शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पिछले दो महीने से ज्यादा दिनों से चल रहे धरना-प्रदर्शन को लेकर बुधवार को एक बार फिर सुनवाई हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हालांकि कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि सार्वजनिक जगहों पर प्रर्दशन करना वाजिब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख तय की है। कोर्ट ने कहा कि शाहीन बाग मुद्दे पर सुनवाई से पहले उदारता और स्थिति के शांत होने की जरूरत है। शीर्ष न्यायालय ने वार्ताकार नियुक्त करने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि यह लीक से हटकर समाधान है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा से संबंधित याचिकाओं का निस्तारण करते हुए कहा कि हाईकोर्ट इस मामले पर विचार करेगा। न्यायालय ने कहा कि माहौल शांतिपूर्ण रहे यह सुनिश्चित करना कानून लागू करने वाले प्रशासन का काम है। कोर्ट ने कहा कि हिंसा बढ़ी है इसलिए विधि-व्यवस्था बहाल करना पहली बड़ी जिम्मेदारी है। हाईकोर्ट में इस मामले में आज सुनवाई होनी है, उसके बाद होली के बाद हम सुनवाई करेंगे।