राजनीती और बेकाबू होता कोरोना !

 



 


 


एक बार फिर करोना डराने लगा है ! अबकी ये डर ज्यादा है देश में लगभग 2.5 लाख लोग संक्रमित है और अब ये आंकड़ा दस हजार प्रतिदिन के हिसाब से बढ रहा है यानि मान कर चलिए अगले दस दिन में एक लाख और बढ़ जायेगे! संक्रमण के मामलों में स्पेन और इटली को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का पांचवां सबसे अधिक प्रभावित देश बन चूका है . अब देश के पास lockdown का कवच भी नहीं है WHO के प्रोग्राम डायरेक्टर Michael Ryan का कहना है भारत में केसेस के डबल होने का समय अभी तीन हफ्ते है जिसे विस्फोटक नहीं कह सकते लेकिन ये बढ़ उसी तरफ रहा है ! ये मामला जितना गंभीर है उतनी ही छिछली राजनीती शुरू हो गई है और इसका खामियाजा सिर्फ जनता भुगतने वाली है और भुगत भी रही है ! समस्या इस लिए भी बड़ी है क्योकि दुनिया के कोई भी देश जों कोरोना से लड़ रहे है वहाँ राजनीती की समस्या नहीं है लेकिन हमारे


देश में इस समस्या ने कोरोना की लड़ाई को और कठिन बना दिया है !


महाराष्ट्र में  3 हजार से अधिक नए केस सामने आए और इससे यहां कुल संक्रमितों की संख्या एक लाख हो गई है। कोरोना केसों के मामले में अकेले महाराष्ट्र ने अब चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। कोरोना वायरस के पहले केंद्र चीन में  83,036 लोग अभी तक संक्रमित हुए हैं।


मौते सबसे ज्यादा यानि 2969! जमीन पर हालत और भी ख़राब है उस पर इल्जाम ये भी लग रहे है की maharastra अपनी क्षमता केवल 40% ही टेस्ट कर रहा है !अब बड़ा सवाल उठता है क्यों ? क्या सिर्फ इस लिए की सरकार पर नाकामी का दाग न लगे !अगर कोई जनता की मदद करता है तो भी प्रदेश सरकार को लगता है वो उसे नीचा दिखा रहे है जैसा संजय राउत ने सोनू सूद के लिए किया  और कांग्रेस के लोग भी सोनू पर अटैक करने से बाज नहीं आ रहे है !


अब बात तमिलनाडु की यहाँ कोरोना मरीजों की संख्या 31 हजार के पार,हो चुकी है और  269 लोगों की मौत हो चुकी है यहाँ खास बात ये है की 86% केस बिना लक्षण वाले है! तमिलनाडु ने लॅकडाउन 30 जून तक बढाने की घोषणा कर दी यहाँ बीजेपी और कांग्रेस दोनों का प्रभाव नहीं है तो फ़िलहाल राजनीती भी स्थानीय स्तर की है!


देश की राजधानी दिल्ली में कोविड-19 मरीजों की संख्‍या में रेकॉर्ड इजाफा हो रहा है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक, रविवार सुबह तक दिल्‍ली में 36,824 कन्‍फर्म मामले थे। इस से ज्यादा भयावह ये है दिल्‍ली में 7 मई से 21 मई के बीच जहां प्रति 100 मामलों पर 7% पॉजिटिव केस थे, वहीं 19 मई से 1 जून के बीच यहं आंकड़ा बढ़कर 14% पर पहुंच !यानि दिल्ली कमुनिटी ट्रान्सफर की श्रेणी में आ चूका है साथ ही दिल्ली में रिकवरी रेट भी घटा है। दिल्ली का रिकवरी रेट लगभग 38 फीसदी हो गया।


अब दिल्ली है तो राजनीती भी फुल्टूस होगी !अब पिछले कुछ दिन से सोशल मीडिया पर डरा देने वाले विडिओ आने लगे जिसमे लोग अस्पताल अस्पताल भटकते हुए दम तोड़ते दिखे !तो केजरीवाल सरकार अस्पतालों पर FIR करते दिखी ऊपर से दिल्ली सरकार का नया फरमान दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों को ही इलाज मिलेगा। दिल्ली की केजरीवाल सरकार के इस फैसले को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया ! हद तो ये है पूर्व सांसद और पत्रकार शाहिद सिद्दीकी ने ने शनिवार को ट्वीट किया कि मेरी भतीजी को तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ है. इलाज के लिए उसे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कोई भी भर्ती करने को तैयार नहीं हुआ.. शाहिद सिद्दीकी ने साथ ही सीएम केजरीवाल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से मदद मांगी है. और उसके बाद उनकी भतीजी की दुखद मृतु हो गई ,अब आप इससे अंदाजा लगा सकते है !


आखिर में बात गुजरात की यहाँ की बात अलग है एक तरफ लोग कोरोना से मर रहे है तो दूसरी तरफ विधायक की खरीद फरोक्त जारी है मतलब प्राण जाये पर सीट न जाये !


महाराष्ट्र के बाद गुजरात ऐसा राज्य था जहां बेहद तेज़ी से कोरोना संक्रमण फैला और यहाँ पर वायरस के कारण मरने वालों की दर भी लगातार चिंता का विषय रही है. गुजरात के स्वास्थ्य तंत्र में स्वास्थ्य कर्मियों की नाराज़गी भी महामारी के सामने सरकार की तैयारियों की पोल खोल देती है. गुजरात में मार्च में कोरोना वायरस दस्तक दे चुका था लेकिन मई तक निजी अस्पतालों के साथ सरकार की अनबन चलती रही. इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट तक को हस्तक्षेप करना पड़ा. तो इस प्रकार से राजनीती फ़िलहाल कोरोना पर भारी पड़ती दिख रही है !


चलते चलते बात पाकिस्तान के प्रमुख अख़बार डॉन की जिसने लिखा है हमें उत्तर प्रदेश से सीखना चाहिये और maharastra की गलतियों से सबक लेना चाहिये बहुत कुछ बता देता है !