बजट को समझने से पहले हम यह समझते हैं कि देश के
सामने चुनौतियां क्या-क्या थी महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था बुरे हालात में
थी जीडीपी की रफ्तार शून्य से नीचे थी उत्तरी सीमा पर चीन
से तनातनी के बीच रक्षा खर्चों का भी दबाव है
और सेना को उच्च स्तरीय हथियार मुहैया कराने का दबाव है 2
महीने से चल रहा किसान आंदोलन सरकार के लिए एक और चुनौती है इसके
अलावा आने वाले 1 साल में पश्चिम
बंगाल तमिलनाडु, केरल, असम और पुदुचेरी. चुनाव होने
वाले हैं! इन सारी चुनौतियों के बीच karona की
महामारी ने पिछले 70 सालों से हेल्थ सेक्टर की अनदेखी को एक्सपोज कर दिया दुनिया के मुकाबले हमारे
देश में मरीजों की भर्ती होने की सुविधा का प्रतिशत दो से चार परसेंट है जबकि
विश्व का एवरेज 8 से 12 परसेंट है!
इन चुनौतियों के बीच बगैर
टैक्स का बजट लाना और शून्य से नीचे की जीडीपी को रफ्तार देना बड़ी चुनौती
का काम था जोकि ऐसा लगता है वित्त मंत्री ने और उनकी टीम ने बखूबी किया है!
कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते खाली खजाने को भरने के लिए
आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया है सरल भाषा में यूं समझिए खजाना भरने के
लिए विनिवेश पर दांव लगाया गया है सरकार ने पूंजी जुटाने के लिए
2021-22 के लिए 1.75 करोड़ रुपए का
विनिवेश का लक्ष्य रखा है ! इस पर विपक्ष ने सरकार की तीखी आलोचना की है और
उस पर सरकारी संपत्तियों को बेचने का आरोप लगाया है हालांकि विनिवेश प्रक्रिया पिछली कांग्रेस सरकार की देन है!
इसके अलावा एक बहुत बड़ी घोषणा में दो सरकारी बैंक और एक
इंश्योरेंस कंपनी को निजी हाथों में सौंपने की
मंशा व्यक्त की गई है इस पर वरिष्ठ पत्रकार
शेखर गुप्ता ने कहा बहुत साहसिक कदम है देखना यह है कि क्या यह 1
साल में हो पाएगा ऐसा हुआ तो यह एनपीए की समस्या को सुलझाने में
महत्वपूर्ण कदम होगा!
बात करते हैं बजट की बड़ी
बातों की हेल्थ सेक्टर को 137 फीसद आवंटन
दे कर इस बजट में सबसे ज्यादा प्रमुखता दी गई
है!
मध्यमवर्ग को ना तो राहत दी गई है और ना ही
उसमें बोझ डाला गया है लगभग यथास्थिति बरकरार रखी गई वही अगले वित्त वर्ष से
भविष्य निधि में ₹2.5 लाख से ज्यादा की योगदान पर
प्राप्त ब्याज को दायरे में लाया गया है इसकी चुभन वेतन भोगी मध्यमवर्ग जरूर महसूस
करेगा वही 75 वर्ष से ऊपर बुजुर्गों को रिटर्न भरने से छूट दी
गई है आय कर से नहीं!
पेट्रोल और शराब पर कृषि सेस लगाया गया है पर एक्साइज घटाकर उसे समायोजित कर दिया गया तो फिलहाल पर इसका बोझ
नहीं पड़ेगा!
अब बात करते हैं राजकोषीय घाटे की वर्ष
2020 21 में राजकोषीय घाटा 9.5% है तो
उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष 6.8 फीसद
रहेगा वही 2020 से 2025 के बीच
इसे 4.5 फीसद तक लाने का
लक्ष्य है
अब आपको बताते हैं इस बजट में देश के लिए क्या
है
बंगाल तमिलनाडु केरल में नए इकनॉमिक
कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया गया, 7 टैक्सटाइल
पार्क बनाने का ऐलान किया गया है ताकि इस क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा दिया जा
सके. रेलवे के लिए 1,10,055 रुपए की रिकॉर्ड
राशि आवंटित की गई है जिस से 2023 तक
ब्रॉड गेज लाइनों का शत प्रतिशत विद्युतीकरण होगा,
और सीमा की सुरक्षा करने के लिए बजट
में 19 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की गई है! हालांकि इसको लेकर विशेषज्ञ सरकार की आलोचना
कर रहे हैं लेकिन लेकिन वो एक राइडर भी
लगाते हैं. कि जितना भी बजट सरकार के पास था, उसे सही दिशा में खर्च
करने की कोशिश नज़र आ रही है.
अब आपको बताते हैं
इस बजट में अर्थव्यवस्था के लिए क्या है तो सरल भाषा में समझाइए की
बीमा क्षेत्र में 49% से बढ़कर 74% हो
जाएगा यानी विदेशी बीमा कंपनियां खुलकर व्यापार कर सकेंगे और इस क्षेत्र में
प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
2022 में सरकार विनिवेश के जरिए 1.75
लाख करो रुपए कमाना चाहती है! 1 oct 2021 से कुछ
मोबाइल पार्ट और ऑटो पार्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी जाएगी वही सोने और चांदी की
इंपोर्ट ड्यूटी कम हो जाएगी जितने सोना चांदी की तस्करी पर भी लगाम लगेगी और वह
सस्ते भी हो जाएंगे
अब बजट में आपके लिए क्या है छोटे करदाताओं को मुकदमे बाजी से राहत
देने के लिए विवाद समाधान समिति गठित की जाएगी 31 मार्च 2022
तक स्टार्टअप पर कोई टैक्स नहीं लगेगा होम लोन पर सरकार की छूट
बरकरार रहेगी और बिजली कंपनी की मनमानी यों पर भी सरकार लगाम लगाएगी यानी आप अपनी
मनपसंद बिजली कंपनी चुन सकेंगे
खेती किसानी को इस बजट में बूस्टर डोज़
दिया गया है 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की प्रतिबद्धता को सरकार ने दोहराया है 16.5 लाख
करोड़ रुपए से सस्ते कर्ज का रास्ता साफ किया गया है इस बजट में मांग आधारित
खेती पर जोर दिया गया है कपास पर सीमा शुल्क फ़ीसदी कर दिया गया है वही विदेशी
रेशम पर 10 फ़ीसदी से 15 फ़ीसदी
कर दिया गया आयातित दालों पर एग्री सेस लगा
दिया गया है जिससे देश में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद
है! पशुधन और मत्स्य क्षेत्र को भी रफ्तार दी गई है पांच नए मत्स्य
बंदरगाह फिश लैंडिंग सेंटर बनेंगे !! प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना पूरे देश में
लागू कर दी गई है!
कुल मिलाकर यह बजट
असाधारण परिस्थितियों में पेश किया गया एक संतुलित बजट कहा जा सकता है