भारत जोड़ो यात्रा के बीच टूटती कांग्रेस






ये समझना कठिन है की कॉग्रेस को कौन सा भारत टूटता दिख रहा था जिसे राहुल गाँधी जोड़ने निकल पड़े ! सच तो ये है की भारत तो पहले से ज्यादा मजूबत हो कर उभर रहा है पर इस वक्त का तक़ज़ा  तो  जगह जगह से टूटती कांग्रेस को जोड़ने का  है ! गोवा के आठ कांग्रेसी विधायक जिस तरह पालाबदल कर भाजपा में चले गए, वह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। 
सिर्फ गोवा ही क्यों असम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के महासचिव कमरुल इस्लाम चौधरी ने रविवार को पार्टी छोड़ दी उन्होंने स्पष्ट  शब्दों में कहा दिशाहीन और भ्रमित  है वो राष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग पर कोई एक्शन न होने से भी निराश थे ! 
उसके बाद तेलंगाना में पार्टी के बड़े नेता एमए खान ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। राज्यसभा के पूर्व सदस्य एमए खान ने वरिष्ठ कांग्रेस नेतृत्व को लिखे अपने पत्र में कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी जनता को यह समझाने में पूरी तरह विफल रही है की उसकी विचारधारा है क्या !
वहीं  यात्रा से पहले पार्टी छोड़ चुके गुलाम नबी आज़ाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा, " आपने किया ही क्या है ? आप 24 घंटे प्रधानमंत्री को गालियां देते रहते हैं। नतीजा यह होता है कि आप अपनी सीट तक गंवा बैठे।"
गोवा में पालाबदल कोई नई-अनोखी बात नहीं। हैरानी इस बात की है कि कांग्रेस नेतृत्व एक अर्से से इस तरह की खबरें सामने आते रहने के बाद भी नहीं चेता कि गोवा में उसके विधायक टूट सकते हैं।
कांग्रेस अपनी खीझ मिटाने के लिए यह कह सकती है कि भाजपा छल-बल से उसके विधायकों को अपने साथ ले गई,  यह विडंबना ही है कि जिन दिगंबर कामत के नेतृत्व में पाला न बदलने की शपथ ली गई थी, वह भी कांग्रेस छोड़ने वालों में शामिल हैं। बेहतर यह होगा कि वह उन कारणों की तह तक जाए, जिनके चलते अन्य राज्यों में भी उसके विधायक टूटते रहते हैं या फिर इसके लिए तैयार दिखते हैं।
सवाल इस बात पर भी उठ रहे है की भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी क्या साबित करना चाहती है और किसके खिलाफ लड़ना चाहती है !राहुल के सबसे ज्यादा निशाने पर बीजेपी और उसका हिंदुत्व है पर तमिलनाडु,तेलंगाना ,केरल यहाँ तो बीजेपी है ही नहीं  ये सवाल उसकी सहयोगी सीपीआई ने भी पुछा है !आज कांग्रेस के सामान्य कार्यकर्ता के लिए यह समझना कठिन है कि पार्टी की विचारधारा क्या है?
राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में जिस तरह वही सब बातें दोहरा रहे हैं, जो वह एक लंबे समय से कहते चले आ रहे हैं, उसे देखते हुए इसमें संदेह है कि कांग्रेस आम जनता को यह संदेश दे सकेगी कि इस यात्रा का उद्देश्य चुनावी लाभ अर्जित करना नहीं, बल्कि देश को जोड़ना है।एक कटु सत्य ये है की इस वक्त 
 कांग्रेस को भारत जोड़ो अभियान से ज्यादा जरूरत पार्टी जोड़ो मुहिम शुरू करने की है।