समस्त सशस्त्र बलों के सेनानियों और नागरिकों की बहादुरी और बलिदान को सम्मानित करने के लिए वीरता पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष में दो बार पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर और फिर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की जाती है।
छात्रों के बीच इन बहादुरों के जीवन के किस्से और प्रेरणादायक कहानियों का प्रसार करने के लिए, रक्षा मंत्रालय द्वारा यह प्रस्तावित किया गया है कि स्कूली छात्रों को वीरता पुरस्कार विजेताओं से जुड़ी गतिविधियों को करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
वीर गाथा के पहले संस्करण की जबरदस्त प्रतिक्रिया और सफलता के बाद, रक्षा मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय के साथ अब प्रोजेक्ट वीर गाथा 2.0 शुरू करने का फैसला किया है, जिसे जनवरी 2023 में पुरस्कार वितरण समारोह के साथ समाप्त करने का प्रस्ताव है। नए संस्करण के अनुसार, यह परियोजना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्कूलों के लिए खुली होगी।
आप को बता दे प्रोजेक्ट वीर गाथा का पहला संस्करण अगस्त 2021 से जनवरी 2022 तक आयोजित किया गया था। यह सीबीएसई और राज्य बोर्डों से संबद्ध स्कूलों के लिए आयोजित किया जाता है। इसके तहत छात्रों को अलग-अलग प्रोजेक्ट करने होते हैं। वीर गाथा की शुरुआत रक्षा मंत्रालय की ओर से इस विचार के प्रस्ताव के बाद की गई थी कि स्कूली छात्रों को वीरता पुरस्कार विजेताओं के आधार पर परियोजनाओं या गतिविधियों को करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत, छात्र फिर से वीरता पुरस्कार विजेताओं पर विभिन्न प्रोजेक्ट्स की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं। कविता, निबंध, कहानी, पेंटिंग / ड्राइंग, वीडियो को परियोजना से जुड़ी गतिविधियों के रूप में माना जाएगा। सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट को आगामी गणतंत्र दिवस पर रक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। छात्रों द्वारा सबमिशन 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में से किसी में भी किया जा सकता है।
यह CBSE और राज्य बोर्डों से संबद्ध स्कूलों के लिए आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत छात्रों को अलग-अलग प्रोजेक्ट बनाने होते हैं। वीरता पुरस्कार विजेताओं पर बेस्ट प्रोजेक्ट्स को रक्षा और शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए हर स्कूल से 4 छात्रों के नाम मांगे गए हैं।
इसमें अप्लाई करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2022 है